Wednesday, 20 December 2017

विष्णु भगवान की आरती (Vishnu bhagwan ki aarti)

Vishnu bhagwan
।। ॐ नमो भगवते् वासुदेवाय नमः ।।

हिंदू मान्यता के अनुसार वार में वीरवार विष्णु भगवान का दिन है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि वीरवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा होती है यह भी कहा जाता है की विष्णु भगवान को पीले रंग की वस्तुएं अत्यधिक प्रिय होती हैं।मान्यता के अनुसार यह भी कहां जाता है की विष्णु भगवान का वास  केले के वृक्ष में होता है विष्णु भगवान के व्रत के अनुसार व्रत कथा के बाद विष्णु भगवान की आरती का पढ़ना उचित माना जाता है।

विष्णु भगवान की आरती

ऊँ जय जगदीश हरे, प्रभु जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मनका।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तनका।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलू दयामय, तुमको मैं कुमति ।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


दीनबन्धु, दुखहर्ता ठाकुर तुम मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा।।
ऊँ जय जगदीश हरे।


ऊँ जय जगदीश हरे, प्रभु जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे।।

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