।। ॐ नमो भगवते् वासुदेवाय ।। |
हिंदू मान्यता के अनुसार विष्णु भगवान त्रिदेवों में से एक हैं। विष्णु जी को सृष्टि का संचालक कहा जाता हैं। विष्णु की पत्नी लक्ष्मी है। विष्णु जी क्षीर सागर में विराजमान रहते हैं। यह अपने भक्तों पर विशेष कृपा दृष्टि बनाए रखते है और उन्हें शुभ फल प्रदान करते हैं। इन मंत्रों द्वारा विष्णु जी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
विष्णु भगवान के मंत्र
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ नमोः नारायणाय. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ||
दरिद्रता से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
घर में सुख-संपत्ति लाने के लिए विष्णु जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वधारंगनसदृशम्मेघवर्णं शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्याननगमयम।
वन्दे विष्णुम्भवभयहरं सर्व्वलोकैकनाथम।।
विश्वधारंगनसदृशम्मेघवर्णं शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्याननगमयम।
वन्दे विष्णुम्भवभयहरं सर्व्वलोकैकनाथम।।
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान विष्णु को इस मंत्र द्वारा प्रसन्न करना चाहिए।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
घर की परेशानी को दूर करने और खुशी के लिए विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ऊँ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं ममः देवदेवा।।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं ममः देवदेवा।।
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